आज के इस Article में हम आपको khujli ki best dawai के बारे में बताने जा रहे हैं। तो यदि आप भी अपनी खुजली से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो हमारे आज के इस Article को अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते हैं।
खुजली एक ऐसी बीमारी है जो कि मरीज को परेशान करके रख देती है। यदि एक बार किसी व्यक्ति को खुजली होना शुरू हो जाए तो फिर चैन से बैठना भी मुश्किल हो जाता है।
खुजली के कारण लोगों को त्वचा में सूजन, त्वचा का लाल पढ़ना, या फिर खुजाते खुजाते त्वचा से खून निकलना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
खुजली को मेडिकल भाषा में प्रुरिटस कहा जाता है, और यह आमतौर पर त्वचा के विकारों के कारण उत्पन्न होती है। खुजली शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है किंतु यह पूरे शरीर को प्रभावित करती है।

खुजली कैसे होती है
कई त्वचा रोगों के कारण शरीर में खुजली उत्पन्न होती है जैसे कि, त्वचा का सूखापन, एक्जिमा, एलर्जी, नशीले पदार्थ युक्त दवाएं, स्किन इन्फेक्शन, पित्ती और कीड़े का काटना इत्यादि।
त्वचा रोगों के अलावा भी शरीर में खुजली हो सकती है इसके अन्य कारण है, किडनी फेलियर, लिवर की समस्याएं, एचआईवी इंफेक्शन, कैंसर (जैसे हॉजकिन्स लिंफोमा, स्किन कैंसर), इंफेक्शन (जैसे फाइलेरिया), नसों की समस्याएं (जैसे न्यूरोपैथी, शिंगल्स), स्वप्रतिरक्षित समस्याएं (जैसे स्क्लेरोडर्म, सोरायसिस, लाइकेन प्लेनस), डायबिटीज और वैरिकोज वेन्स।
इन गंभीर बीमारियों के कारण भी आपको शरीर में खुजली जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। खुजली पर आराम पहुंचाने के लिए कई बार doctors अलग-अलग प्रकार के क्रीम और मरहम या फिर खाने के लिए दवाएं जैसे कि एंटी-हिस्टामिन, स्टेरॉइड्स इत्यादि prescribe करते हैं।
होम्योपैथिक में खुजली का इलाज कैसे किया जाता है?
Homeopathy में खुजली का इलाज करने के लिए कई सारी दवाएं उपलब्ध है जैसे कि आर्सेनिकम एल्बम, सल्फर, एपिस मेलिफिका, ग्रेफाइट, मेज़ेरियम, सेलेशिया, अर्टिका युरेन्स और रस टॉक्सिकोडेंड्रन। इन दवाओं के माध्यम से मरीज को खुजली में जल्द से जल्द आराम पहुंचाने की कोशिश की जाती है।
Homeopathy doctor सबसे पहले मरीज की जांच पड़ताल करके यह निर्धारित करते हैं कि उसे कौन सी दवा देना उचित रहेगा।
Homeopathic की दवाई मरीज की खुजली को ठीक करती हैं और लंबे समय तक आराम देने में सहायता करती हैं। Homeopathy में यह माना जाता है कि शरीर की अंदरूनी विकारों के चलते ही खुजली जैसे लक्षण देखे जाते हैं।
इसीलिए Homeopathic की दवाई अंदरूनी विकारों को दूर करती हैं जिससे खुजली अपने आप खत्म हो जाती है। मरीज के लक्षणों को देखते हुए उसे दवा के उचित खुराक दी जाती है।
खुजली की दवा
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album)

इसका सामान्य नाम आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड (Arsenic trioxide) और आर्सेनियस ऑक्साइड (Arsenious oxide) है। इसका उपयोग स्कैबीज, एक्जिमा, अर्टिकेरिया, एलर्जी, खसरा, दाद, सोरायसिस और चिकन पॉक्स जैसी बिमारियों के कारण होने वाली खुजली से निजात पाने के लिए किया जाता है।
एपिस मेलिफिका (Apis Mellifica)

इस का सामान्य नाम है हनी बी (Honey bee)।
पित्ती या फिर त्वचा की एलर्जी होने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह खुजली में राहत का कार्य करता है।
ग्रेफाइट (Graphites)

इसका सामान्य नाम ब्लैक लेड (Black lead) और प्लंबेगो (Plumbago) है। इस दवा का इस्तेमाल कब किया जाता है जब मरीज को एटॉपिक डर्मेटाइटिस, एक्जिमा और हर्पीस (शिंगल्स) के कारण खुजली होती है
लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum)

इस का सामान्य नाम है क्लब मॉस (Club moss) ।
यह दवा उन लोगों के लिए कारगर होती है जिन्हें लंबे समय से पेट से संबंधित समस्या होती है कमजोर पाचन वाले लोगों को खुजली से राहत पहुंचाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum Muriaticum)

इस दवा का सामान्य नाम है कॉमन साल्ट। कब्ज की समस्या से परेशान मरीजों के लिए यह दवा कारगर होती हैं। ऐसे लोगों में यदि के अर्टिकेरिया और एक्जिमा कारण खुजली होती है तो इसका प्रयोग किया जाता है। इस समस्या से जूझ रहे लोग स्ट्रेस्ड, अति संवेदनशील, चिड़चिडे तथा डिप्रेस्ड हो सकते हैं।
सल्फर (Sulphur)

इस का सामान्य नाम होता है सब्लिमेटिड सल्फर (Sublimated sulphur) । यह दवा अस्वस्थ, सूखी और झुर्रियों वाली त्वचा पर होने वाली खुजली से आराम दिलाने में सहायता करती हैं।
अर्टिका यूरेन्स (Urtica Urens)

इस का सामान्य नाम होता है स्टिंगिंग नेटल (Stinging nettle) । जो लोग पित्ती और अर्टिकेरिया के रोग से ग्रस्त हैं उन लोगों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
Homeopathy में खुजली के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव:
Homeopathic दवाओं को काफी कम मात्रा में दिया जाता है लेकिन तब भी यह दवाएं काफी असरदार होती हैं किसी भी प्रकार की खुजली से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपने जीवन शैली को भी सुधारें और इसमें परिवर्तन लाएं अपने खानपान में और जीवनशैली में बदलाव लाकर हम बीमारियों से जल्द से जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
आपको अपनी जीवनशैली और खानपान में निम्नलिखित प्रकार के बदलाव अवश्य करने चाहिए
- संपूर्ण पौष्टिक आहार लें।
- रोजाना सैर और व्यायाम करें।
- मेडिटेशन करें और तनाव से दूर रहें।
- ऐसी चीजें खाने से बच्चे जो की Homeopathic दवाओं के असर को प्रभावित कर सकती हैं।
- तेज व उत्तेजक पदार्थों का सेवन करने से बचे जैसे की कॉफी, या फिर औषधीय तत्व से बनी जाए।
- तेज मसाले वाला खाना तथा बाहर का खाना खाने से बचे।
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि Homeopathy दवाओं का इस्तेमाल काफी कम मात्रा में किया जाता है और यही कारण है कि इसके दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। Homeopathy द्वारा अपनी बीमारियों का इलाज करना काफी समय तरीका है जिसके गंभीर side effects नहीं होते हैं।
निष्कर्ष:
तो दोस्तों आज का हमारा यह Article यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस Article में हमने आपको khujli ki dawai homeopathy तथा
Homeopathy में खुजली का इलाज कैसे किया जाता है, इस के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि आज का यह Article आपको पसंद आया होगा और इसमें लिखी गई सभी बातें आपको अच्छी तरह से समझ में आ गई होंगी। दोस्तों इस Article को like और share करना ना भूलें।
Disclaimer: यहां पर सिर्फ आपको दवाई के बारे में जानकारी दी गई है, अगर आपको कोई भी समस्या है तो आप किसी सर्टिफाइड होम्योपैथिक डॉक्टर से Consult जरूर ले, बिना Consult के कोई भी दवा ना ले Self- Medication बहुत खतरनाक होता है.